जालंधर, 16 अप्रैल lआम आदमी पार्टी की सरकार पहले दिन से ही बाबा साहिब डॉ. भीम राव अंबेडकर के सिद्धांतों पर लगातार पहरा दे रही है जबकि पिछली सरकारों ने सिर्फ दलित समुदाय का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। ये विचार जालंधर केंद्रीय विधानसभा हलके के विधायक रमन अरोड़ा ने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सरकार के गठन के पहले दिन से ही मुख्यमंत्री की तरफ से ऐलान किया गया कि सरकारी दफ्तरों में शहीद-ए-आजम भगत सिंह और संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीरें लगाई जाएं जबकि पिछली सरकारों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री सरकारी दफ्तरों में खुद की तस्वीरें ही लगवाते रहे हैं।

जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह, पार्षद अश्विनी अग्रवाल के साथ प्रेस कांफ्रेंस में विधायक रमन अरोड़ा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की सोच थी कि समाज में सबको बराबरी का अधिकार मिले और शिक्षा की ताकत हर नागरिक के पास हो। इसी सोच पर पहरा देते हुए पंजाब सरकार ने पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किये हैं। सरकारी स्कूलों में ऐसी सुविधाएं मुहैया करवाई हैं, जिससे वहां शिक्षा का स्तर निजी स्कूलों के मुकाबले पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इसी सोच की बदौलत पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में अकल्पनीय सुधार देखने को मिला है। रमन अरोड़ा ने आगे कहा कि सरकार ने पहली बार एडवोकेट जनरल ऑफिस में सरकारी वकीलों की नियुक्ति में आरक्षण को लागू किया। लंबे समय से 58 पद खाली पड़े थे, जिन्हें आरक्षण के माध्यम से भरा गया ताकि दलित समुदाय के वकीलों को उनका अधिकार मिल सके। इसलिए लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया गया, खासकर आय से संबंधित शर्त में भारी छूट देकर एससी कम्युनिटी के वकीलों के लिए एजी ऑफिस में नियुक्ति का रास्ता साफ किया। उन्होंने कहा कि 2017 में जब आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका निभा रही थी, तब विधानसभा में ये मुद्दा उठाया गया था लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस मुद्दे को अनदेखा कर दिया। मगर 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर पहले दिन से काम किया गया, जिसके फलस्वरूप आज एजी ऑफिस में सरकारी वकीलों की नियुक्तियां आरक्षण के माध्यम निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से हो रही हैं। उन्होंने समूह वकील समुदाय की तरफ से पंजाब सरकार का धन्यवाद किया जिसकी बदौलत आज दलित समुदाय के वकीलों को हाईकोर्ट तक सरकारी वकील बनकर अपनी आवाज उठाने का अधिकार मिला है।